Tuesday 19 February 2013

गणेश चतुर्थीः चन्द्र-दर्शन निषिद्ध


गणेश चतुर्थीः चन्द्र-दर्शन निषिद्ध


गणेश चतुर्थी को 'कलंकी चौथ' भी कहते हैं। इस चतुर्थी का चाँद देखना वर्जित है।
यदि भूल से भी चौथ का चंद्रमा दिख जाय तो 'श्रीमद् भागवत्' के 10वें स्कन्ध के 56-57वें अध्याय में दी गयी 'स्यमंतक मणि की चोरी' की कथा का आदरपूर्वक श्रवण करना चाहिए। भाद्रपद शुक्ल तृतिया और पंचमी के चन्द्रमा का दर्शन करना चाहिए, इससे चौथ को दर्शन हो गये तो उसका ज्यादा खतरा नहीं होगा।
यदि अनिच्छा से चन्द्रदर्शन हो जाय तो निम्नलिखित मंत्र से पवित्र किया हुआ जल पीना चाहिए। मंत्र इस प्रकार हैः
सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।।
'सुन्दर, सलोने कुमार ! इस मणि के लिए सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान ने उस सिंह का संहार किया है, अतः तुम रोओ मत। अब इस स्यमंतक मणि पर तुम्हारा अधिकार है।' (ब्रह्मवैवर्त पुराणः अध्याय 78)
चौथ के चन्द्रदर्शन से कलंक लगता है। इस मंत्र-प्रयोग अथवा उपर्युक्त पाठ से उसका प्रभाव कम हो जाता है।






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