Tuesday, 19 February 2013
होली में क्या करें ?
होली की रात्रि चार पुण्यप्रद
महारात्रियों में आती है। होली की रात्रि का जागरण और जप बहुत ही फलदायी होता है।
ऋतु-परिवर्तन के 10-20 दिनों में नीम के
15 से 20 कोमल पत्तों के साथ 2 काली मिर्च चबाकर खाने से वर्ष भर आरोग्य दृढ़ रहता
है। बिना नमक का भोजन 15 दिन लेने वाले की आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।
होली के बाद खजूर खाना मना है।
बाजारू केमिकलों से युक्त रंगों के बदले
पलाश के फूलों के रंग से अथवा अन्य प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे
सप्तरंगों व सप्तधातुओं का संतुलन बना रहता है।
अन्य कुछ प्राकृतिक रंगः मेंहदी
पाउडर के साथ आँवले का पाउडर मिलाने से भूरा रंग। चार चम्मच बेसन में दो चम्मच
हल्दी पाउडर मिलाने से अच्छा पीला रंग बनता है। बेसन के स्थान पर आटा, मैदा, चावल का आटा, आरारोट या मुलतानी मिट्टी का भी उपयोग
किया जा सकता है।
दो चम्मच हल्दी पाउडर दो लीटर पानी में
डालकर अच्छी तरह उबालने से गहरा पीला रंग प्राप्त होता है।
आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रात भर
भिगोने से काला रंग तैयार होता है।
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