Tuesday, 19 February 2013
जन्मदिवस पर क्या करें ?
जन्मदिवस के अवसर पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए घी,
दूध, शहद
और दूर्वा घास के मिश्रण की आहुतियाँ डालते हुए हवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके
जीवन में कितने भी दुःख,
कठिनाइयाँ, मुसीबतें
हों या आप ग्रहबाधा से पीड़ित हों,
उन सभी का प्रभाव शांत हो जायेगा और आपके जीवन में नया उत्साह आने लगेगा।
मार्कण्डेय ऋषि का नित्य सुमिरन करने वाला और संयम-सदाचार का
पालन करने वाला व्यक्ति सौ वर्ष जी सकता है – ऐसा
शास्त्रों में लिखा है। कोई एक तोला (11.5) ग्राम गोमूत्र लेकर उसमें देखते हुए सौ
बार 'मार्कण्डेय'
नाम का सुमिरन करके उसे पी ले तो उसे बुखार नहीं आता, उसकी
बुद्धि तेज हो जाती है और शरीर में स्फूर्ति आती है।
अपने जन्मदिवस पर मार्कण्डेय तथा अन्य चिरंजीवी ऋषियों का
सुमिरन,
प्रार्थना करके एक पात्र में दो पल (93 ग्राम) दूध तथा थोड़ा-सा तिल व गुड़ मिलाकर
पीये तो व्यक्ति दीर्घजीवी होता है। प्रार्थना करने का मंत्र हैः
ॐ मार्कण्डेय महाभाग सप्तकरूपान्तजीवन।
चिरंजीवी यथा त्वं भो भविष्यामि तथा मुने।।
रूपवान् वित्तवांश्चैव श्रिया युक्तश्च सर्वदा।
आयुरारोग्यसिद्धयर्थ प्रसीद भगवन् मुने।।
चिरंजीवी यथा त्वं भो मुनीनां प्रवरो द्विजः।
कुरूष्व मुनिशार्दुल तथा मां चिरजीविनम्।।
नववर्षायुतं प्राप्य महता तपसा पुरा।
सप्तैकस्य कृतं येन आयु में सम्प्रयच्छतु।।
अथवा तो नींद खुलने पर अश्वत्थामा,
राजा बलि,
वेदव्यासजी,
हनुमानजी,
विभीषण,
परशुरामजी,
कृपाचार्यजी,
मार्कण्डेयजी – इन
चिरंजीवियों का सुमिरन करे तो वह निरोग रहता है।
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