Sunday 3 February 2013

क्रोध की अधिकता में...........


क्रोध की अधिकता में...........

आज के अशांति एवं कोलाहल भरे वातावरण में दिन प्रतिदिन मनुष्य का जीवन तनाव, चिंता एवं परेशानियों से ग्रस्त होता जा रहा है। इसी वजह से वह थोड़ी-थोड़ी बात पर चिढ़ने कुढ़ने लगता है एवं क्रोधित हो जाता है। यहाँ क्रोध पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ उपचार दिये जा रहे हैं।
एक नग आँवले का मुरब्बा प्रतिदिन प्रातः काल खायें और शाम को एक चम्मच गुलकन्द खाकर दूध पी लें। इससे क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी।
सहायक उपचारः
क्रोध आये उस वक्त अपना विकृत चेहरा आइने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा।
ॐ शांति... शांति..... शांति..... ॐ... एक कटोरी में जल लेकर उस  जल में देखते हुए इस मंत्र का 21 बार जप करके बाद में वही जल पी लें। प्रतिदिन ऐसा करने से क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आयेगी। ऐसा हररोज करें।




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