- गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में
दो-तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरन्त बाद कुछ ठंडा न लें। गुनगुना
पानी पिएं जिससे गले को आराम मिलेगा।
- कच्चा
सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस चुसते रहें। दो तीन घण्टों मे ही
गला बिलकुल साफ हो जाएगा।
- सोते
समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर मुंह में रखकर सो
जाए। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर
लिया जाय तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द
और सूजन भी दूर होती है।
- रात को
सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च
व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है।
- जिन
व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती
है, वह सुबह-शाम दोनों वक्त
चार-पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं।
दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होगा।
- 1 कप पानी में 4-5 कालीमिर्च एवं तुलसी की थोंडी
सी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पी जाए।
- रात को
सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं। गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं।
- गुनगुने
पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते है।
- पालक
के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें। इससे भी
आराम मिलता है।
- काली मिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।
- पानी
में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और
इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ
होता है।
- गले
में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है।
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