Sunday 14 July 2013

पान मसाला से निजाद पाने का सरल उपाय

पान मसाला से निजाद पाने का सरल उपाय


धूम्रपान से भी खतरनाक है पान मसाला या गुटखा। सुपारियों में प्रति सुपारी 10 से 12 घुन (एक प्रकार के कीड़े) लग जाते हैं, तभी वे पान मसालों या गुटखा बनाने में हेतु काम में ली जाती हैं।
इन घुनयुक्त सुपारियों को पीसने से घुन भी इनमें पिस जाते हैं। छिपकलियाँ सुखाकर व पीसकर उनका पाउडर व सुअर के मांस का पाउडर भी उसमें मिलाया जाता है। धातु क्षीण करने वाली सुपारी से युक्त इस कैंसरकारक मिश्रण का नाम रख दिया - 'पान मसाला' या 'गुटखा'। एक बार आदत पड़ जाने पर यह छूटता नहीं। घुन का पाउडर ज्ञानतंतुओं में एक प्रकार की उत्तेजना पैदा करता है। पान मसाला या गुटखा खाने से व्यक्ति न चाहते हुए भी बीमारियों का शिकार हो जाता है और तबाही के कगार पर पहुँच जाता है।
पान मसाले खाने वाले लोग धातु-दौर्बल्य के शिकार हो जाते हैं, जिससे उन्हें बल तेजहीन संतानें होतीं हैं। वे लोग अपने स्वास्थ्य तथा आनेवाली संतान की कितनी हानि करते हैं यह उन बेचारों को पता ही नहीं है।

> पान मसाला या गुटखा खाने की आदत को छोड़ने के लिए 100 ग्राम सौंफ, 10 ग्राम अजवाइन और थोड़ा सेंधा नमक लेकर उसमें दो नींबुओं का रस निचोड़ के तवे पर सेंक लें।यह मिश्रण जेब में रखें। जब भी उस घातक पान मसाले की याद सताये, जेब से थोड़ा सा मिश्रण निकालकर मुँह में डालें। इससे सुअर का माँस, छिपकलियों का पाउडर व सुपारियों के साथ पिसे घुन मिश्रित पान मसाला मुँह में डालकर अपना सत्यानाश करने की आदत से आप बच सकते हैं। इससे आपका पाचनतंत्र भी ठीक रहेगा और रक्त की शुद्धि भी होगी।




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