- * मूली के नियमित प्रयोग से
बहुमूत्र में आराम मिलता है
- * आंवले का रस का सूखा चूर्ण गुड के साथ मिलाकर लेने से
पेशाब खुलकर आता है
- * जवाखार और मिश्री तीन तीन
ग्राम ताजे जल के साथ कुछ दिन लेने से बहुमूत्र का रोग समाप्त हो जाता है
- * राई काले तिल कलमी शोरा टेसू
के फ़ूल एवं दालचीनी सभी को समभाग में लेकर चूर्ण बना लें,रोज दो ग्राम सुबह शाम शहद के
साथ खाने पर बहुमूत्र रोग से मुक्ति मिलती है
- * बहुमूत्र में बबूल का गोंद घी
मे भून कर मक्खन के साथ सुबह को खाने से फ़ायदा होता है
- * अदरक का ताजा रस सेवन करने से
रुका हुआ मूत्र जल्दी बाहर निकल जाता है,साथ ही बहुमूत्र की शिकायत भी दूर होती है
- * जामुन की गुठली एवं बहेडे का छीलका
दोनो बारीक पीस लें,आठ दिन तक चार ग्राम रोज पानी
के साथ लें,बार बार पेशाब आना बंद हो
जायेगा
- * कलमी शोरा दस ग्राम दूध दो सौ
पचास ग्राम और पानी एक किलो इन सबको मिलाकर दिन में दो बार पियें पेशाब खुलकर आयेगा
बहुमूत्र रोग ठीक हो जायेगा
- * पिस्ता छ: दाने मुनक्का तीन
दाने और काली मिर्च तीन दाने इन्हे सुबह शाम चबाकर पंद्रह दिन खाने से पेशाब
बार बार नही आयेगा
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