हर दिन सैकड़ों नई बीमारियां पैदा हो रही हैं। चिकित्सा विज्ञान जब तक एक रोग का इलाज खोज पाता है, तब तक चार नए रोग सीना तान कर खड़े हो जाते हैं। जोड़ों का दर्द हो भी गलत खान-पान और प्रदूषण के दुष्प्रभाव का ही एक नतीजा है। असल में हमार शरीर इस प्रकृति का ही एक हिस्सा है। इसलिये शरीर से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी हमें प्रकृति की गोद में ही मिल सकता है। आइये देखते हैं जोड़ों के दर्द का क्या है उत्तम समाधान....
- दो तीन दिन के अंतर से खाली पेट अरण्डी का 2 से 20 मि.ली. तेल पियें। इस दौरान चाय-कॉफी न लें। साथ में दर्दवाले स्थान पर अरण्डी का तेल लगाकर, उबाले हुए बेल के पत्तों को गर्म-गर्म बाँधने से वात-दर्द में लाभ होता है।
- निर्गुण्डी के पत्तों का 10 से 40 मि.ली. रस लेने से अथवा सेंकी हुई मेथी का कपड़छन चूर्ण तीन ग्राम, सुबह-शाम पानी के साथ लेने से वात रोग में लाभ होता है। यह मेथीवाला प्रयोग घुटने के वातरोग में भी लाभदायक है। साथ में वज्रासन करें।
- लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकायें। पानी जल जाने पर लहसुन खाकर दूध पीने से दर्द में लाभ होता है।
विशेष:
अपनी क्षमता के अनुसार सुबह के समय आसन विशेषकर सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से जोड़ों के दर्द से स्थाई रूप से छुटकारा पाया जा सकता है।
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