Tuesday 13 August 2013

मलेरिया, डेंगू या स्वाइन फ्लू सबकी छुट्टी कर देगा कड़वा चिरायता...

मलेरिया, डेंगू या स्वाइन फ्लू सबकी छुट्टी कर देगा कड़वा चिरायता...





चिरायते का नाम अधिकांश लोगों ने सुन रखा होगा। बरसों से हमारी दादी-नानी कड़वे चिरायते से बीमारियों को दूर भगाती रही है। असल में यह कड़वा चिरायता एक प्रकार की जड़ी-बूटी है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। एक प्रकार से यह एक देहाती घरेलू नुस्खा है। पहले इस चिरायते को घर में सुखा कर बनाया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार में

कुटकी चिरायते के नाम से भी मिलता है। लेकिन अधिक कारगर तो घर पर बना हुआ ताजा और विशुद्ध  चिरायता ही अधिक कारगर होता है।

चिरायता बनाने की विधि-

100
ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण, 100 ग्राम सूखे चिरायते का चूर्ण लीजिए। इन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए। यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें। मात्र दो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा।

कारगर एंटीबॉयोटिक-

बुखार ना होने की स्थिति में भी यदि इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें तो यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। इसके सेवन से शरीर के सारे कीटाणु मर जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। इसके सेवन से खून साफ  होता है तथा धमनियों में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से संचालित होता है।


* अगर आप यह चूर्ण ना बना पाये तो अच्युताय संजीवनी टेबलेट कि २ गोलियाँ सुबह खाली पेट चूसकर खाएं । यह गोली व्यक्ति को शक्तिशाली, ओजस्वी, तेजस्वी व मेधावी बनाती है । इसमें सभी रोगों का प्रतिकार करने तथा उन्हें नष्ट करने की प्रचंड क्षमता है । यह श्रेष्ठ रसायन द्रव्यों से संपन्न होने से सप्तधातु व पंचज्ञानेन्द्रियों को दृढ बनाकर वृद्धावस्था को दूर रखती है । ह्रदय , मस्तिष्क व पाचन संस्थान को विशेष बल प्रदान करती है ।


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