Monday 10 August 2015
अमृत तुल्य गुणों की खान अमृता (गिलोय)
अमृत तुल्य गुणों की खान अमृता (गिलोय)
*इसके स्वरस में मधु मिलाकर सेवन से बल बढता है।
*सौठ चूर्ण के साथ लेने पर मंदाग्नि दूर होती है।
*इसके चूर्ण लेने से मूत्र दाह दूर होकर मूत्र साफ आता है।
*इसकी जड का क्वाथ पिलाने से बारी से आने वाला ज्वर मिटता है।
* घृत के साथ सेवन करने से वात रोग मिटता है।
* गुड के साथ सेवन करने से कब्ज मिटती है।
* गिलोय, हरड, नागर मोथा चूर्ण को मधु के साथ सेवन करने से मेदो रोग(मोटापा चर्बी) मिटता है।
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