Monday 21 January 2013
आँवला(Amla)
आयुर्वेद
के मतानुसार
आँवले थोड़े
खट्टे, कसैले,
मीठे, ठंडे,
हलके, त्रिदोष
(वात-पित्त-कफ)
का नाश करने
वाले,
रक्तशुद्धि
करनेवाले,
रुचिकर, मूत्रल,
पौष्टिक,
वीर्यवर्धक,
केशवर्धक,
टूटी अस्थि
जोड़ने में
सहायक,
कांतिवर्धक,
नेत्रज्योतिवर्धक,
गर्मीनाशक
एवं दाँतों को
मजबूती
प्रदान करने
वाले होते
हैं।
आँवले
रक्तप्रदर,
बवासीर, दाह,
अजीर्ण,
श्वास, खाँसी,
दस्त, पीलिया
एवं क्षय जैसे
रोगों में लाभप्रद
होते हैं।
आँवला एक
श्रेष्ठ
रसायन है। यह
रस-रक्तादि
सप्तधातुओं
को पुष्ट करता
है। आँवले के सेवन
से आयु,
स्मृति, कांति
एवं बल बढ़ता
है, हृदय एवं
मस्तिष्क को
शक्ति मिलती
है, आँखों का तेज
बढ़ता है और
बालों की
जड़ें मजबूत
होकर बाल काले
होते हैं।
औषधि-प्रयोगः
श्वेत
प्रदरः 3 से 5
ग्राम चूर्ण
को मिश्री के
साथ प्रतिदिन
2 बार लेने से
अथवा इस चूर्ण
को शहद के साथ
चाटने से
श्वेत प्रदर
ठीक होता है।
रक्त
प्रदरः आँवला
तथा मिश्री का
समभाग चूर्ण 4
भाग लेकर उसमें
2 भाग हल्दी का
चूर्ण मिलाकर
3-3 ग्राम चूर्ण
सुबह-शाम पानी
के साथ लेने
से रक्त प्रदर
(योनिगत
रक्तस्राव)
में अतिशीघ्र
आराम मिलता है।
सिरदर्दः
आँवले
के 3 से 5 ग्राम
चूर्ण को घी
एवं मिश्री के
साथ लेने से पित्त
तथा वायुदोष
से उत्पन्न
सिरदर्द में राहत
मिलती है।
शुक्रमेह,
धातुक्षयः आँवले
के रस में
ताजी हल्दी का
रस अथवा हल्दी
का पाउडर व
शहद मिलाकर
सुबह-शाम
पियें अथवा आँवले
एवं हल्दी का
समभाग चूर्ण
रोज सुबह-शाम
शहद अथवा पानी
के साथ लें।
इससे प्रमेह
मिटता है।
पेशाब के साथ
धातु जाना बंद
होता है।
वीर्यवृद्धिः
आँवले
के रस में घी
तथा मिश्री
मिलाकर रोज
पीने से
वीर्यवृद्धि
होती है।
कब्जियतः
गर्मी
के कारण हुई
कब्जियत में
आँवले का चूर्ण
घी एवं मिश्री
के साथ चाटें
अथवा त्रिफला
(हरड़, बहेड़ा,
आँवला समभाग)
चूर्ण आधा से
एक चम्मच रोज
रात्रि को
पानी के साथ
लें। इससे कब्जियत
दूर होती है।
अत्यधिक
पसीना आनाः हाथ-पैरों
में अत्यधिक
पसीना आता हो
तो प्रतिदिन
आँवले के 20 से 30
मि.ली. रस में
मिश्री डालकर
पियें अथवा
त्रिफला
चूर्ण लें।
आहार में गरम
वस्तुओं का
सेवन न करें।
दाँतों
की मजबूतीः आँवले
के चूर्ण को
पानी में
उबालकर उस
पानी से
कुल्ले करने
से दाँत मजबूत
एवं स्वच्छ
होते हैं।
आँवला एक
उत्तम औषधि
है। जब ताजे
आँवले मिलते हों,
तब इनका सेवन
सबके लिए
लाभप्रद है।
ताजे आँवले का
सेवन हमें कई
रोगों से
बचाता है।
आँवले का
चूर्ण,
मुरब्बा तथा
च्यवनप्राश
वर्षभर उपयोग
किया जा सकता
है। जो मनुष्य
प्रतिदिन
आँवले से
स्नान करता है
उसके बाल
जल्दी सफेद
नहीं होते।
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