Tuesday 15 January 2013
वरुण मुद्रा
वरुण मुद्रा
उसके नुकीले भाग को अँगूठे के नुकीले भाग पर स्पर्श करायें।
शेष तीनों उँगलियाँ सीधी रहें।
लाभः यह मुद्रा करने से जल तत्व की कमी के कारण होने
वाले रोग जैसे कि रक्तविकार और उसके फलस्वरूप होने वाले चर्मरोग व पाण्डुरोग (एनीमिया) आदि दूर हो जाते है।
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