Sunday 20 January 2013

सीताफल(Custard Apple)


सीताफल(Custard Apple)

अगस्त से नवम्बर के आस-पास अर्थात् आश्विन से माघ मास के बीच आने वाला सीताफल, एक स्वादिष्ट फल है।
आयुर्वेद के मतानुसार सीताफल शीतल, पित्तशामक, कफ एवं वीर्यवर्धक, तृषाशामक, पौष्टिक, तृप्तिकर्ता, मांस एवं रक्तवर्धक, उलटी बंद करने वाला, बलवर्धक, वातदोषशामक एवं हृदय के लिए हितकर है।
आधुनिक विज्ञान के मतानुसार सीताफल में कैल्शियम, लौह तत्त्व, फासफोरस, विटामिन – थायमीन, राईबोफ्लेविन एवं विटामिन सी आदि अच्छे प्रमाण में होते हैं।
जिन लोगों की प्रकृति गर्म अर्थात् पित्तप्रधान है उनके लिए सीताफल अमृत के समान गुणकारी है।
औषधी प्रयोगः
हृदय पुष्टिः जिन लोगों का हृदय कमजोर हो, हृदय का स्पंदन खूब ज्यादा हो, घबराहट होती हो, उच्च रक्तचाप हो ऐसे रोगियों के लिए भी सीताफल का सेवन लाभप्रद है। ऐसे रोगी सीताफल की ऋतु में उसका नियमित सेवन करें तो उनका हृदय मजबूत एवं क्रियाशील बनता है।
भस्मक (भूख शांत न होना)- जिन्हें खूब भूख लगती हो, आहार लेने के उपरांत भी भूख शांत न होती हो – ऐसे भस्मक रोग में भी सीताफल का सेवन लाभदायक है।

सावधानीः सीताफल गुण में अत्यधिक ठंडा होने के कारण ज्यादा खाने से सर्दी होती है। कइयों को ठंड लगकर बुखार आने लगता है, अतः जिनकी कफ-सर्दी की तासीर हो वे सीताफल का सेवन न करें। जिनकी पाचनशक्ति मंद हो, बैठे रहने का कार्य करते हों, उन्हें सीताफल का सेवन बहुत सोच-समझकर सावधानी से करना चाहिए, अन्यथा लाभ के बदले नुक्सान होता है।




 

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