Sunday 24 February 2013
दमा व श्वास का घरेलू उपचार
दमा व श्वास का घरेलू
उपचार
एक पका केला छिला लेकर चाकू से लम्बाई में चीरा
लगाकर उसमें एक छोटा चम्मच दो ग्राम कपड़छान की हुई काली मिर्च भर दें । फिर उसे
बगैर छीलेही, केले के वृक्ष के पत्ते में
अच्छी तरह लपेट कर डोरे से बांध कर 2-3 घंटे रख दें । बाद
में केले के पत्ते सहित उसे आग में इस प्रकार भूने की उपर का पत्ता जले । ठंडा
होने पर केले का छिलका निकालकर केला खा लें ।प्रतिदिन सुबह में केले में काली
मिर्च का चूर्ण भरें। और शाम को पकावें । 15-20 दिन में खूब
लाभ होगा ।
केला के पत्तों को सुखाकर किसी बड़े
बर्तन में जला लेवें। फिर कपड़छान कर लें
और इस केले के पत्ते की भरम को एक कांच की साफ शीशी या डिब्बे में रख लें । बस, दवा तैयार है ।
सेवन विधि - एक साल पुराना गुड़ 3 ग्राम चिकनी सुपारी का आधा से थोड़ा कम वनज को 2-3 चम्मच पानी में भिगों दें । उसमें 1-4 चौथाई दवा केले
के पत्ते की राख डाल दें और पांच-दस मिनट बाद ले लें । दिनभर में सिर्फ एक बार ही
दवा लेनी है, कभी भी ले लेवें ।
बच्चे का असाध्य दमा - अमलतास का गूदा
15 ग्राम दो कप पानी में डालकर उबालें चौथाई भाग बचने
पर छान लें और सोते समय रोगी को गरम-गरम पिला दें । फेफड़ों में जमा हुआ बलगम शौच
मार्ग से निकल जाता है । लगातार तीन दिन लेने से जमा हुआ कफ निकल कर फेफड़े साफ हो
जाते है । महीने भर लेने से फेफड़े कर तपेदिक ठीक हो सकती है ।
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