Friday 22 March 2013

क्या हल्दी के इन गुणों से आप अवगत हैं?

क्या  हल्दी के इन गुणों से आप अवगत हैं?




यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है।  हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। हजारों साल से भारतीय खाने में आवश्यक रूप से इस्तेमाल होने वाली हल्दी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। भारतीय लोक कथाओं, संस्‍कृति एवं एरंपराओं में हल्‍दी का इस्‍तेमाल, सदियों से उसके विशिष्‍ट गुणों के चलते विभिन्‍न रूपों में कया जाता रहा है। दादी मां के नुस्‍खों में शारीरिक क्षति जैसे, चोट, मोच, अंदरूनी घाव को ठीक करने, सर्दी जुकाम व खांसी आदि बीमारियों को ठीक करने आदि के अतिरिक्‍त सौंदर्य प्रसाधन, धार्मिक व सामाजिक मांगलिक कार्यक्रमों में हल्‍दी का प्रयोग किया जाता है। आइये और जानते हैं हल्‍दी के स्‍वास्‍थ्‍य और सौदर्य के गुणों के बारे में- स्‍वास्‍थ्‍य और सौंदर्य का खजाना हल्‍दी

1.
यह एक प्राकृतिक एंटिसेप्टिक एवं एंटिबैक्टेरियल एजेन्ट है। हल्दी का पावडर जले और कटे अंग पर लगाने से संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।

 2.
हल्दी को फूलगोभी के साथ मिलाकर खाने से प्रोस्टेट कैंसर की आशंका जाती रहती है। इसके अलावा अगर प्रोस्टेट कैंसर हो तो उसका बढ़ना रुक जाता है।

 3.
चूहों पर हुए प्रयोग से पता चला है कि हल्दी स्तन कैंसर को फेफड़ों में जाने से रोक देती है।

 4. हल्दी
से मेलानोमा यानी काले तिल उभरना रुक सकता है। इसके अलावा मौजूद मेलानोमा सेल्स आत्महत्या कर लेते हैं। हल्दी त्वचा का रूप निखारने के लिए सदियों से भारत में इस्तेमाल की जाती रही है।

 5.
बचपन में होने वाले ल्यूकेमिया यानी रक्तकैंसर का जोखिम कम हो जाता है।
 6. लिवर शुद्धि के लिए यह एक प्राकृतिक छन्नी है।

 7.
हल्दी मस्तिष्क में बनने वाले एम्लोयड प्लॉक की वृद्धि एवं निर्माण रोककर एल्जाइमर्स की बढ़त पर रोकथाम कर लेती है।

8.दमा के मरीजों को दूध में हल्दी चूर्ण मिलाकर सुबह शाम लेना चाहिए।

9.मोच या हड्डी टूट जाने पर हल्दी का  लेप लगाएं।

10.हल्दी और गुड़ को मिलाकर खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

11.मुंह में छाले हो जाने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर डालकर कुल्ला करें।

12.दरदरी पिसी हल्दी को ताजी मिलाई के साथ मिलाकर चेहरे व हाथ पर लगाने कर सूखने दें। 
गुनगुने पानी से चेहरा धो ले। त्वचा चमक उठेगी।

13.लिवर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होती है।

14.मासिक के दिनों में पेट दर्द होने पर गरम पानी के साथ हल्दी को लेने से दर्द से राहत मिलती है।

15.प्रतिदिन एक चुटकी हल्दी को खाने से भूख बढ़ती है।

16.हल्दी की गांठ को पानी के साथ मिलाकर पिस लें। नहाने से पहले इसे उबटन की तरह लगाएं। हफ्ते भर में त्वचा में निखार आएगा।

18.चर्म रोग में हल्दी औषधि का काम करती है।

19.बिच्छू, मक्खी जैसे किसी विषैले कीड़े के काटने पर हल्दी का लेप लगाना चाहिए।

२०.दांतों से पीलापन दूर करने के हल्दी में सेंधा नमक व सरसों का तेल मिलाकर दांतों को साफ करें।

हल्दी के औषधीय प्रयोग


  • सर्दी-खांसी - हल्दी के टुकड़े को घी में सेंककर रात्रि को सोते समय मुंह में रखने से कफ, सर्दी और खांसी में लाभ होता है हल्दी के धुंए का नस्य लेने (नाक से सूंघने से) सर्दी व जुकान में तुरंत आराम मिलता है अदरक एवं ताज़ी हल्दी के एक-एक चम्मच रस में शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से कफ दोष से उत्पन्न सर्दी-खांसी में लाभ होता है (पथ्य- भोजन में मीठे, पचने में भारी एवं तले हुए पदार्थ लेना बंद कर दें)

  • टांसिल - हल्दी चूर्ण को शहद में मिलाकर टांसिल पर लगायें

  • कोड़ - गौमूत्र में तीन से पांच ग्राम हल्दी मिलाकर पीने से लाभ होता है

  • मूत्ररोग - ताज़ी हल्दी एवं आंवले के दो-दो चम्मच रस में शहद डालकर पीने से प्रमेह में आराम मिलता है

  • कृमि - ७० प्रतिशत बच्चों को कृमि रोग होता है ताज़ी हल्दी का आधा से एक चम्मच रस रोज़ पिलाने से बालकों के कृमि रोग दूर होते हैं अंजीर रात को भिगोकर सुबह खाली पेट खिलाने से भी कृमिरोग दूर होते हैं




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