Wednesday 24 April 2013

स्वप्नदोष निवारक अनुभूत प्रयोग

स्वप्नदोष निवारक अनुभूत प्रयोग







(1)
पालक के पत्ते लगभग 250 ग्राम पानी से खूब धोकर सिल पर बिना पानी के पीस लें। एक मोटे साफ धुले हुए कपड़े को पानी में भिगोकर खूब अच्छी तरह निचोड़ लें, ताकि कपड़े में पानी न रहे। अब इसमें पिसी हुई पालक रखकर कपड़े को दबा-दबाकर पालक का रस एक कप में टपकाएं। सुबह खाली पेट यह रस, दन्त मंजन करने के बाद पी लें और आधा घंटे तक कुछ खाएं-पिएं नहीं। यह प्रयोग रोजाना 6-7 दिन तक करने से स्वप्नदोष होना बंद हो जाता है। यह एक आयुर्वेदिक परीक्षित नुस्खा है।


(2)
नीम गिलोय के अंगुलभर आकार के तीन टुकड़े और तीन काली मिर्च सिल पर रखकर कूट-पीसकर खूब बारीक कर लें। इसे सुबह खाली पेट पानी के साथ पिएं। जब स्वप्नदोष होना बिलकुल बंद हो जाए, तब इसका सेवन करना बंद कर दें।
  3-
कांच के गिलास में बीस ग्राम पिसा हुआ सुखा आंवला डाले। इसमें साठ ग्राम पानी भरें और फिर बारह घंटे भीगने   दें। फिर छानकर इस पानी में एक ग्राम पीसी हुई हल्दी मिलाएं और पीएं।

  4-
पिसे हुए अनार के छिलके पांच ग्राम सुबह और शाम लेने से स्वप्न दोष नहीं होता।

5-
केला स्वप्न दोष और प्रमेह में लाभदायक है। दो केले खाकर ऊपर से एक पाव गरम दूध तीन महीनें तक रोज पीएं।

6-
लहसुन की दो कुली टुकड़े करके पानी से निगल जाएं। इससे स्वप्र दोष नहीं होगा। यह प्रयोग रात को सोते समय हाथ-पैर धोकर रोज करें।

7-
प्याज दस ग्राम सफेद प्याज का रस, अदरक का रस आठ ग्राम, शहद पांच ग्राम, घी तीन ग्राम मिलाकर रात्रि को सोते समय पीने से स्वप्र दोष नहीं होता।

8-
धनिये को पीसकर मिश्री मिलाकर ठण्डे जल से लेने से स्वप्र दोष नहीं होता।

9-
तुलसी की जड़ के छोटे-छोटे टुकड़े पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।


10-
सुखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें समान मात्रा में पीसी हुई चीनी मिलाएं। सुबह भूखे पेट रात के पानी से एक चाय की चम्मच फक्की लें और एक घंटे तक कुछ न खाएं पीएं।




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