ध्यान विधि- शरीर को ढीला छोड़ दीजिए. ध्यान रहे कमर झुकनी नहीं चाहिए।
- बंद आंखों से अपना पूरा ध्यान मूलाधार क्षेत्र में ले आइए।
- पूरा ध्यान बंद आंखों से वहीं एक जगह पर केन्द्रित करिए, गुदा द्वार को ढीला छोड़ दीजिए।
- लिंगमूल को ढीला छोड़ दीजिए।
- इससे सांस की गति अचनाक गहरी और तीव्र हो जाएगी।
- अपने सांस पर ध्यान दीजिए।
- अब अपना पूरा ध्यान नासिका पर ले आइए।
- इसके बाद अपनी सांस को गौर से देखिए।
- कम से कम 3० सांस तक आप इसी अवस्था में रहें।
- अब देखिए ध्यान में जाने से पहले और अब में कितना फर्क पड़ा है।
- इस विधि को दिन में जितनी बार चाहें दोहरा सकते हैं।
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